अपने डेरी फार्म के लिए अच्छी गुणवत्ता की साइलेज कैसे तैयार करें
पौष्टिक साइलेज बनाने के लिए जरूरी सभी चीजें सीखें और अपने अपने डेरी फार्म के लिए लाभ बढ़ाये
हमने साइलेज बनाने के विषय पर इस देश का पहला पूर्ण ऑनलाइन पाठ्यक्रम तैयार किया है, जो आपको एक पद्धतिगत दृष्टिकोण के माध्यम से मार्गदर्शन कराएगा । हम आपको यह कोर्स मुफ्त में दे रहे हैं। आप पाठ्यक्रम के टिप्पणी अनुभाग में अपने प्रश्नों और चिंताओं को लिखकर अपनी शंकाओं को स्पष्ट कर सकते हैं। इस पाठ्यक्रम का उपयोग सैकड़ों किसानों द्वारा अपने खेतों में किया गया है। इसके साथ व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए सफलतापूर्वक साइलेज तैयार करने के लिए इस कोर्स का उपयोग किया गया है।
खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते है - महात्मा गाँधी ।
अपने प्रशिक्षकों से मिलें
प्रशिक्षक
डॉ. शैलेश शामराव मदने
वे एक बी.व्ही.एस.सी और ए.एच है और एक विख्यात डेयरी फार्म व् पशुपालन सलाहकार हैं। वह जीआरएमएफ (GRMF) पुरस्कार के विजेता हैं और उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क, अमेरिका (Cornell University, New York, USA) में 3 महीने के लिए गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन सेवाओं (QMPS) की प्रयोगशाला में अध्ययन किया है। उन्होंने महराष्ट्र के पशुपालन विभाग के विस्तार विशेषज्ञ के रूप में काम किया है।
डॉ.संतोष वाकचौरे
डॉ.संतोष वाकचौरे को पशुपालन और पशु विज्ञान में व्यापक और समृद्ध अनुभव है और उन्होंने मुंबई वेटरनरी कॉलेज से पशु रोग विज्ञान में मास्टर की उपाधि लिया है। उन्होंने अपने बी.व्ही.एस.सी और ए.एच कोर्स के दौरान पशु पोषण, पशु चिकित्सा और पशु स्त्रीरोग विज्ञान और प्रसूति विज्ञान में तीन स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं।
श्री अनिल कानवड़े,
श्री अनिल कानवड़े, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक प्रगतिशील पशुपालन किसान हैं, जो निमगाँव पागा नामक एक छोटे से गाँव से हैं। आधुनिक कृषि और डेयरी इनपुट और पेशेवर दृष्टिकोण की मदद से, वह थोड़े समय में अपने खेत का विस्तार 6 एकड़ से 30 एकड़ तक कर पाएI अपने खेत में, जानवरों को मुक्त आवास व्यवस्था में रखते है और वे आधुनिक चारा फसलों का अभ्यास और खेती करते हैं। उनके आधुनिक चारा प्रबंधन में साइलेज, एजोला, हाइड्रोपोनिक उत्पादन और सूखा चारा के लिए यूरिया उपचार शामिल हैं।
डॉ. अशोक धिंदळे
डॉ. अशोक धिंदळे नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल हरियाणा से पशु पोषण और फ़ीड प्रौद्योगिकी में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह वर्तमान में महाराष्ट्र में पशुधन विकास अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं